किशनगढ़ "डंपिंग यार्ड" बना राजस्थान का कश्मीर

बर्फीली वादियों के बीच समुद्री तट सा नज़र आता है डंपिंग यार्ड। 



कश्मीरी लुक देने वाला डंपिंग यार्ड बारिश के बाद सुंदर टापू सा नजर आने लगता हैं। यहां तीनों तरफ बर्फ और एक तरफ समुद्री पानी और किनारे का नजारा होता है। बारिश की वजह से डंपिंग यार्ड में जगह-जगह पानी भर जाता है। यही पानी सफेद चादर के बीच एकदम नीला नजर आता है। लोग इन नजाराें को कैमरे में कैद करने के लिए बहुतायत में पहुंचते हैं। अब तक यहां राजस्थान सहित दूसरे राज्य के लोग ही पहुंच रहे थे लेकिन अब विदेशी भी आने लगे हैं। हाल ही में यहां इजराइल और इटली के दल ने भ्रमण किया है। वहीं तिलोनिया बेयरफुट कॉलेज में ट्रेनिंग के लिए आने वाले विदेशी मेहमान भी यहां का आनंद लेने के लिए आने लगे हैं। 



300 बीघा में फैला है डंपिंग यार्ड 


डंपिंग यार्ड 300 बीघा में फैला हुआ है। मार्बल एरिया में करीब 318 गैंगसा यूनिट, 209 ग्रेनाइट और 20 ग्रेनाइट और गैंगसा यूनिट मिक्स हैं। इनसे निकलने वाली स्लरी को डंपिंग यार्ड में डालने के लिए करीब 650 टैंकर मार्बल एरिया में काम करते हैं। किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन की ओर से मार्बल, ग्रेनाइट के गोदामों से निकलने वाली स्लरी को डालने के लिए नया और पुराना डंपिंग यार्ड की जगह निर्धारित की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी फैक्ट्रियों को वेस्ट डंपिंग यार्ड में डालने के लिए पाबंद कर रखा है। इसके अलावा अन्य किसी भी टैंकर द्वारा स्लरी डालने पर उसके फैक्ट्री के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। 


जमीन को बंजर बना देती है स्लरी, पर अब यही बन गई है ताकत 



मार्बल पत्थर और ग्रेनाइट की कटिंग के दौरान निकलने वाला पाउडर स्लरी कहलाता है। पानी के साथ पाउडर गीला होता हैं और सूखने पर यह सफेद चूरा हो जाता हैं। स्लरी प्रदूषण को बढ़ाती हैं और ये खेती करने वाले स्थान के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती हैं। स्लरी डालने से पेड़-पौधे नष्ट हो जाते हैं और जमीन बंजर हो जाती है। इसलिए स्लरी को इसके निर्धारित डंपिंग यार्ड में डाला जाता हैं। यही स्लरी आज देश दुनिया से लोगांे को आकर्षित कर रही है।


फिल्म निर्माताओं के लिए सस्ते बजट में विदेशों वाली लोकेशन



मार्बल सिटी के नाम से मशहूर किशनगढ़ अब मार्बल के लिए ही नहीं बल्कि फिल्म शूटिंग के लिए भी जाना जाता है. कई फ़िल्मों और एल्बम में किशनगढ़ का मार्बल डंपिंग यार्ड भी नज़र आने लगा है. क्योंकि मार्बल डंपिंग यार्ड बारिश के बाद स्विटजरलैंड जैसा नजर आता है. फिल्म की शूटिंग देखने के लिए डंपिंग यार्ड के बाहर देर शाम तक प्रशसकों की भीड़ जमी रहने लगी है.